- भगवान बिरसा मुंडा ने समाज को दिया था जल जंगल और जमीन के संरक्षण और संवर्धन का संदेश
डाक टाइम्स न्यूज समाचार पत्र कप्तानगंज/कुशीनगर
कप्तानगंज में स्थित जेपी इंटरमीडिएट कॉलेज में स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के लोक नायक जनजाति समाज के महानायक बिरसा मुंडा जी की जयंती जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रीतम नाथ गोंड ने भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया साथ ही उनके जीवन को अनुकरणीय बताते हुए उनके बताए हुए मार्ग पर चलने के लिए आवाहन किया। तो वहीं प्रधानाचार्य श्रीराम प्रसाद ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिरसा मुण्डा (15 नवम्बर 1875 – 9 जून 1900) एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के
लोक नायक थे। उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी के अंत में बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में हुए एक आदिवासी धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए। भारत के आदिवासी उन्हें भगवान मानते हैं और ‘धरती आबा’ के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा न केवल आदिवासी समाज के लिए बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिए एक अनुकरणीय व्यक्तित्व है भारत माता के स्वतंत्रता और स्वाधीनता की रक्षा के लिए भगवान बिरसा मुंडा ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने समाज को जल जंगल और जमीन के संरक्षण और संवर्धन का संदेश दिया था।इस अवसर पर कुशीनगर जनपद के अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ के जिला अध्यक्ष दिग्विजय नाथ गोंड में कहा कि भारत के निर्माण में जनजाति समाज प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण योगदान देता रहा है महारानी दुर्गावती से लेकर भगवान बिरसा मुंडा इसके जीवंत प्रमाण है। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता जयराज सिंह मोनू कनौजिया, भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेश गुप्ता, विशंभर प्रसाद, प्रवक्ता अवधेश गोंड, सुरेंद्र गौड़,आशुतोष कुमार मिश्रा, सत्येंद्र गौड़,दिवाकर गौड़, संदीप गोंड, जितेंद्र गोंड, विमलेश, नीरज, क्षेत्र पंचायत सदस्य सूरज गोंड, मुन्ना गौड़, अजय गौड़, रमज्ञान, धनंजय, लाल जी प्रसाद गोंड, वीरेंद्र प्रसाद, संतोष, व्यास मुनि गोंड, लक्ष्मण गोंड, विष्णु गोंड, संदीप गौड़, ब्रह्मा देव दुबे सहित अनेक लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर चंदन कुमार गोंड ने किया।