उप जिलाधिकारी खड्डा ऋषभ पुंडीर ने 28 वर्ष से लंबित मुकदमें का किए निस्तारण

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डाक टाइम्स न्यूज समाचार पत्र खड्डा कुशीनगर ।

जनपद कुशीनगर के खड्डा तहसील में 28 वर्ष से लंबित मुकदमें का उप जिलाधिकारी ऋषभ पुंडीर ने अपने विवेक का उपयोग करते हुए सत्य को जाना और साक्ष्य के आधार पर उनका सफ़ल निस्तारण किया। जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि न्यायालय उप जिलाधकारी खड्डा में 1996 से लंबित मुकदमे कृष्ण मोहन बनाम रामवचन धारा 33/39, मौजा कुरसहा तप्पा बटेसरा, तहसील खड्डा, जनपद कुशीनगर में फाइनल आदेश पारित करके लगभग तीन दशक से लंबित मुकदमे का निस्तारण किया गया है I

प्रकरण में स्थल निरीक्षण व पक्षकारों से वार्ता करते उप जिलाधिकारी खड्डा

वर्ष 1996 में तत्कालीन परगनाधिकारी पडरौना द्वारा चकबंदी के एक फर्जी इंद्राज के आधार पर एक आदेश पारित किया गया था, इस इंद्राज के विरुद्ध पक्षकार लगातार 28 वर्ष से पहले तहसील पडरौना में और उसके बाद नवसृजित तहसील खड्डा के उपजिलाधिकारी न्यायालय में मुकदमा लड़ रहे थे। उक्त आदेश से प्रभावित पक्षकार की मृत्यु के उपरांत उनके पुत्र लगभग 85 वर्षीय मोहन उपाध्याय, जो स्वयं राजस्व विभाग से रिटायर्ड नायब तहसीलदार है, अपने सेवानिवृत होने के बाद से लगातार अपने निवास देवरिया से खड्डा आकर अपने मुकदमे में पैरवी कर रहे थे I  मोहन उपाध्याय द्वारा पूर्व में कई बार जिलाधिकारी महोदय कुशीनगर एवं उप जिलाधिकारी खड्डा को इस आशय के प्रार्थना पत्र दिए गए कि वे इस उम्र में लगातार तहसील के चक्कर काटकर थक गए हैं वह अपने जीवन में इस मुकदमे का निस्तारण की उम्मीद छोड़ना नहीं चाहते हैं निस्तारण उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार द्वारा अत्यंत ही गंभीरता से लिया गया जिसमें उपजिलाधिकारी खड्डा के न्यायालय के आदेश के तहत तहसीलदार खड्डा द्वारा सभी दस्तावेजों के गहराई में उतरकर बहुत ही विस्तृत जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रेषित की गई जिसके

वादकारी द्वारा एसडीएम को धन्यवाद ज्ञापित किया गया 

क्रम में उप जिला अधिकारी द्वारा प्रकरण में स्थलीय निरीक्षण कर एवं पक्षकारों को सुनकर आदेश पारित किया गया, अतः इस फाइनल आदेश से 1996 से लंबित प्रकरण का संपूर्ण निस्तारण संभव हुआ। तो वहीं एसडीएम ऋषभ पुंडीर द्वारा 28 वर्ष से चले आ रहे हैं मामले का निस्तारण करने के बाद वादकारी  उनके ऑफिस पहुँचकर बधाई देते हुए एसडीएम की भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे हैं साथ ही उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी ईमानदार और नेक हो तो हर समस्या का समाधान किया जा सकता है।