डाक टाइम्स न्यूज समाचार पत्र खड्डा कुशीनगर ।. गंडक नदी तटवर्ती गांव शिवपुर, हरिहरपुर, नारायणपुर, मरीचहवा, बसंतपुर में आई भीषण बाढ़ ने जिस प्रकार पीड़ितों को पूरी तरह बेसहारा कर दिया उससे उनके सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई थी। इसमें जो बाढ़ में पूरी तरह घिरे हुए हैं उन लोगों की स्थित बहुत ही दयनीय हो गई है। काफी मशक्कत के बाद बाढ़ से ग्रामीणों को बचाने तथा हर सम्भव मदद करने का प्रयास जारी है। बाढ़ पीड़ितों की भूख मिटाने के लिए कम्युनिटी किचन प्रशासन के द्वारा शुरू कराया गया। इससे बाढ़ पीड़ितों को काफी राहत हुई और भोजन की समस्या का तत्काल हल हो गया। जिलाधिकारी कुशीनगर के निर्देशों के क्रम में प्रभावित क्षेत्र के स्थानीय लोगों के लिए कम्युनिटी किचन संचालित करके खान-पान की व्यवस्था की जा रही है ताकि कोई भी भूखा ना रह सके। तो वहीं जिन लोगों के घर और दरवाजे जलमग्न हैं उनको फूड पैकेट वितरण करके सहायता की जा रही है। उप जिलाधिकारी खड्डा ऋषभ पुंडीर ने बताया कि दिनांक 6 और 7 जुलाई 2024 की मध्य रात्रि लगभग 2:00 बजे यह सूचना प्राप्त हुई की कुशीनगर जनपद के तहसील खड्डा अंतर्गत गंधक नदी के उत्तर में पढ़ने वाले गांव में से ग्राम पंचायत नारायणपुर के कुछ ग्रामवासी नेपाल से गंडक बैराज के माध्यम से सामान्य से ज्यादा लगभग चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की चेतावनी के उपरांत अपनी फसल एवं पशु व मवेशियों के लिए चारा काटने के लिए गांव के निचले स्तर पर नदी के दियारा में स्थित अपने खलियानो में चले गए जहां वे बड़ी गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण लिंक मार्ग के जलमग्न होने से फस गए। सूचना मिलने पर संबंधित ग्राम वासियों से संपर्क स्थापित किया गया जिसके दौरान समस्त सूचनाओं जैसे फ़से हुए लोगों में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की संख्या एवं उनकी लोकेशन के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त की गई। अस0टी0आर0एफ0 की एक टुकड़ी जो पहले से ही खड्डा के क्षेत्र के लिए प्रस्तावित की कर दी गई थी उनसे संपर्क कर जल्द से जल्द गोरखपुर से कुशीनगर पहुंचने का आग्रह किया गया. स्थानीय बढ़ चौकी को यह निर्देशित किया गया कि वह पर्याप्त संख्या में लाइफ जैकेट, खान पीन की सामग्री में पैक्ड बिस्किट्स पानी की बोतल व अन्य सामग्री अप्रोच पॉइंट पर फंसे हुए लोगों के को पहुंचाने के लिए तैयार रखें।प्रात: लगभग 7:30 एस0डी0आर0एस0 की टुकड़ी खड्डा के पनियावा में पहुंची, उनके द्वारा तय किया गया की बड़ी गंधक नदी का वेग ज्यादा होने के कारण नाव से नदी पार कर दूसरे छोर पर जाना मुमकिन नहीं है, अतः सड़क के रास्ते से बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व होते हुए बिहार के नौरंगिया से जंगल के रास्ते शिवपुर पहुंच गया, जहां पर हरिहरपुर नाले के माध्यम से बचाव के लिए मोटर बोट नदी में उतारी गई और फंसे हुए लोगों को 6 राउंड मैं रेस्क्यू करके हरिहरपुर लाया गया. इस प्रकार लगभग 12:30 तक सभी 91 लोगों को सुरक्षित कर लिया गया इसी बीच लगभग 2:00 बजे एन0डी0आर0एफ0 की भी एक टुकड़ी दो बोट के साथ मौके पर पहुंची।
एस0डी0आर0एफ0 और एन0डी0आर0एफ0 दोनों की दो-दो बोट संचालित कर पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया गया जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि कोई और व्यक्ति जिसके पास मोबाइल या अन्य माध्यम से संवाद स्थापित करने की सुविधा न हो, ऐसा कोई किसी टोल या दियरा में तो नहीं फंसा हुआ है, साथ ही साथ रेस्क्यू किए गए लोगों के लिए कम्युनिटी किचन संचारित करके सभी को खान-पान और मेडिकल फैसिलिटी की व्यवस्था प्रदान की गई।
वर्तमान में जलस्तर घट रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं को खुरपका, मुंहपका व अन्य रोगों से सुरक्षित करने के लिए वृहद स्तर पर वैक्सीनेशन ड्राइव संचालित किया गया है, अन्य संचारी रोगों से क्षेत्र वासियों को बचाने के लिए मेडिकल टीम प्रभावित क्षेत्र में पहुंच चुकी है और साथ ही पूरे एरिया में ब्लीचिंग पाउडर, एंटी मॉस्किटो स्प्रे एवं दवाइयां के पैकेट वितरण करने के साथ-साथ मेडिकल कैंप संचालित किया गया है प्रभावित लोगों के लिए कम्युनिटी किचन और फूड पैकेट वितरण का कार्य अभी भी लगातार जारी है जो कि जलस्तर पूरी तरीके से सामान्य होने तक संचालित रहेगा।