जिलाधिकारी की अध्यक्षता में राजस्व, कृषि तथा पंचायती राज विभाग की अंतर्गत कार्यों, वादों एवं राजस्व वसूली की हुई समीक्षा बैठक

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डाक टाइम्स न्यूज ब्यूरो कुशीनगर ।

जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में कल देर सायं राजस्व विभाग, कृषि विभाग, पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत वादों राजस्व वसूली आईजीएस जनसुनवाई प्रकरणों, धारा 24,116, 33, 34 के प्रकरणों की विस्तार पूर्वक समक्षा की गई।सर्वप्रथम कृषि विभाग के तत्वावधान में संचालित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना हेतु आवश्यक फॉर्मर रजिस्ट्री की प्रगति की समीक्षा की गई। समीक्षा दौरान उप कृषि निदेशक ने बताया कि जनपद में अभी तक 6216 कृषकों की फार्मर रजिस्ट्री हो गई। तहसील सदर पडरौना में 2035, हाटा में 479, कप्तानगंज में 779 आदि तहसीलवार कृषकों की पंजीकरण हुआ है। फार्मर रजिस्ट्री के अन्तर्गत कृषि तकनीकी सहायक किसानों के आवेदन/ईकेवाईसी आदि की प्रक्रिया करते है तथा लेखपाल भूमि का सत्यापन करते है।

सभी कृषक फॉर्मर रजिस्ट्री अपने ग्रामों में आयोजित होने वाले कैम्पों में या नजदीकी जनसेवा केन्द्रों के माध्यम से करा सकते है। इसके लिए आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर और खतौनी की नकल आवश्यक है। फॉर्मर रजिस्ट्री की दैनिक प्रगति कम होने पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी प्रकट की गई। उन्होंने उपस्थित सभी उप जिलाधिकारीगण, तहसीलदारगण एवं उप कृषि निदेशक को निर्देशित किया कि सभी ग्राम पंचायत सहायकों की भी इसमें ड्यूटी लगाए तथा ग्राम पंचायत/न्याय पंचायत वार प्रमुख स्थानों पर रोस्टर जारी करते हुए कैम्प का आयोजन किया जाए। ज्यादा से ज्यादा किसानो का कैम्प के माध्यम से पंजीकरण कराने हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाए तथा प्रचार-प्रसार किया जाए। टीएसी कृषि, लेखपाल के साथ-साथ अन्य विभागीय लोग की उपस्थिति कैम्पों में सुनिश्चित की जाए। पंचायत सहायकों की आईडी० भी शीघ्र बनाए तथा तीन दिवसों में उनका प्रशिक्षण कराते हुए प्राथमिकता के आधार फॉर्मर रजिस्ट्री के कार्य में अपेक्षित प्रगति लाए। यह विशेष ध्यान रखे कि ई केवाईसी और सत्यापन समुचित तरीके से हो जाए। 100 कृषकों का प्रतिदिन प्रति कैम्प का टारगेट रखते हुए प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करे। कृषि एवं राजस्व विभाग के कर्मी आपसी सामंजस्य बनाते हुए प्राथमिकता के आधार पर कार्य करना सुनिश्चित करे। तत्पश्चात पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत जनपद में अवशेष RRC के निर्माण कार्यों एवं अनुपलब्ध भूमि की तहसीलवार समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने डीपीआरओ और समस्त उपजिलाधिकारी गणों को निर्देशित किया कि डेली बेसिस के आधार पर अनुपलब्ध भूमि और अनारंभ निर्माण कार्यों की गहनता से समीक्षा करें। आआरसी की जमीन आबादी से थोड़ी दूर और जलश्रोतों से थोड़ी दूरी पर रहें।इसका विशेष ध्यान रखें। जहाँ जमीन प्राप्त हो गया है वहीं अगले दिन ही डीपीआरओ पंचायत सचिवों की मदद से कार्य यथाशीघ्र प्रारंभ कर दे। तहसीलदार और डी०पी०आरओ इसकी प्रगति की समीक्षा करे और गम्भीर प्रकरणों पर प्रभावी कार्यवाही करे। तत्पश्चात राजस्व विभाग़ के अन्तर्गत आई जी आर एस /जन सुनवाई धारा 30,34, 24,116, 30, 67 के अन्तर्गत दर्ज तथा निस्तारित वादों की संख्या, आपदा राहत के लम्बित प्रकरणों, सीमा स्तम्भों की स्थिति, कृषि भूमि आवंटन, मत्स्य पालन तथा कुम्हारी कला आवंटन, निर्विवाद वरासत के लम्बित प्रकरण, रीयल टाइम खतौनी स्वामित्व योजना के अंतर्गत सर्वेक्षण कार्य, ऑनलाइन खसरा आदि कार्यों के प्रगति की गहनता से समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने लम्बित बादों का गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार यथाशीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने आईजीआरएस/जनसुनवाई/जनता दर्शन में आने वाले प्रार्थना पत्रों का गुणवत्तायुक्त एवं संतुष्टिपूर्ण निस्तारण करने के निर्देश दिए। कहा कि अगर तहसील स्तर पर प्रकरणों का समुचित एवं संतुष्टिपूर्ण निस्तारण हो जाएगा तो यह सर्वोचित रहेगा। आवेदकों एवं प्रार्थियों से बात कर उनकी समस्याएँ सुने, क्षेत्रों में जाकर उनकी शिकायतों का निस्तारण करे। अगर एक ही व्यक्ति बार-बार प्रार्थना पत्र दे रहा है या मल्टीपल टाइम्स जो प्रकरण आर रहे है उन्हें चिन्हित करे। उनपर विशेष ध्यान दें। उन प्रकरणों को नोट करे। आवश्यकतानुसार निस्तारित करने का प्रयास करें , निस्तारण आख्या तथा फोटो भी साक्ष्य के रूप में सुरक्षित रखें। अविवादित वरासत के प्रकरणों का नामांतरण की खतौनी हेतु अपडेट बची है। यथाशीघ्र अवशेष कार्य पूर्ण करे। कोई भी निर्विवाद वरासत का प्रकरण समयावधि के उपरान्त किसी की दशा में लम्बित न रहे। निरस्त होने वाले आवेदनों के कारणों पर विशेष ध्यान दे। उसकी समीक्षा करें कि कारण युक्तिसंगत है या नहीं । माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन सख्ती से सुनिश्चित कराए, समीक्षा दौरान जनपद में 1 अप्रैल से 12 दिसम्बर तक हुई क्षति के सापेक्ष भुगतान की स्थिति जानी गई तथा दैवीय आपदा/अहैतुक सहायक के प्रकरणों में तकाल कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। पात्रता के अनुसार सभी तहसील क्षेत्रों में कम्बल वितरण कराने तथा राजस्व कार्मिकों/कलेक्ट्रेट पटल सहायकों के विरुद्ध प्रचलित कार्यवाहियों की अद्यतन विवरण नाम एवं तहसील वार प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। आगामी माह के अन्दर रिटायर्ड होने वाले कार्मिकों की सूची बनाने तथा उनके समस्त पेशन पत्रावलियों को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि मुख्य तथा विविध देयों से राजस्व वसूली शत प्रतिशत सुनिश्चित करें तथा व्यापार कर विद्युत देय परिवहन देर के देय मामले लंबित न रहें। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वैभव मिश्रा, अपर जिलाधिकारी न्यायिक प्रेम कुमार राय, समस्त उप जिलाअधिकारी गण, तहसीलदार गण, नायब तहसीलदार गण, जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी, उप कृषि निदेशक आशीष कुमार, जिला कृषि अधिकारी डॉ मेनका राजस्व पटल सहायक, न्यायिक सहायक एवं अन्य संबंधित अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।