Daktimes News: जनपद कुशीनगर के छितौनी बगहा रेल पुल के निकट पनियहवा स्थित शालिग्रामी नारायणी (गंडक) नदी के तट पर लोक आस्था के पर्व मौनी अमावस्या के अवसर पर हजारों लोग आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। प्रत्येक साल की तरह इस साल भी तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। इसी क्रम में सरस्वती ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के प्रबंध निदेशक पवन दूबे के नेतृत्व में पनियहवा स्थित नारायणी धाम में 28 जनवरी की रात्रि एवं 29 जनवरी को स्नान मुहूर्त की
अवधि में सभी श्रद्धालुओं के लिए भोजन एवं रात्रि विश्राम का प्रबंध कर उनके लिए सुलभ व्यवस्था की गई है। श्री पवन दूबे ने बताया कि प्राचीन समय से ही छितौनी परिक्षेत्र के विभिन्न घाटों पर मौनी अमावस्या के पवित्र अवसर पर श्रद्धालु भक्त शालिग्रामी नारायणी के नाम से प्रसिद्ध गंडक नदी में स्नान, दान एवं ध्यान करने आते हैं। हिन्दू धर्म में मौनी अमावस्या को मोक्ष प्राप्ति, आत्मशुद्धि और पितरों की शांति के लिए विशेष दिन माना जाता है। इस दिन ध्यान, मौन और स्नान का विशेष महत्व है। हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मौनी अमावस्या मनाई जाती है। इस अवसर पर सरस्वती
समूह ने भक्तजन हेतु आरामदायक रैन बसेरा, गर्म कंबल, अलाव एवं भोजन की व्यवस्था कराई है। उन्होंने बताया कि प्रात:काल चाय, हलुआ एवं खिचड़ी- दही का भी प्रबंध है। आकस्मिक सेवा हेतु प्राथमिक उपचार की व्यवस्था भी टेंट में की गई है। श्रद्धालु भक्त किसी भी प्रकार की सहायता के लिए घाट पर स्थित कैंप में संपर्क कर सकते हैं।