डाक टाइम्स न्यूज समाचार पत्र।
पर्यावरण नाशेन नाश्यन्ति सर्व जन्तवः
पवनः दुष्टताम याति प्रकृति विकृतायते
संस्कृत के इस श्लोक का अर्थ है कि ‘पर्यावरण के विनाश से सभी प्राणी नष्ट हो जाते हैं, संपूर्ण वायुमंडल विषैला हो जाता है , और प्रकृति शत्रुता पूर्ण हो जाती है। हमारी भारतीय संस्कृति और परंपरा प्रकृति के बहुत करीब रही है। हमारी पुरातन जीवन शैली पूर्ण रूप से पर्यावरण के प्रति स्नेह, प्रेम और समर्पण आधारित रही है। यहां रीति रिवाज, परंपराएं, प्रथाएं सामान्यतः प्रकृति संरक्षण के लिए ही बनाई गई थी। आज मानव इतना विकास कर चुका है और इतना शिक्षित हो गया है की अपनी ही जीवन रेखा यानी की प्रकृति का विनाश कर बैठा है। चारों तरफ प्रचंड गर्मी प्रदूषित पर्यावरण ने हाहाकार मचा रखा है। तमाम अलर्ट के बावजूद लोगों में ना संवेदनशीलता दिख रही है , ना ही चिंता कि अब से हम अपनी जड़ों को, अपनी सांसों को, टूटने से रोके। तरक्की हमने इतनी कर ली की तमतमाते सूरज को मात देने के लिए घर के कोने-कोने में एसी ,कूलर , फ्रिज पलक झपकते लगा डाल रहे हैं। लेकिन हर बार की तरह कुछ देर के सुख के लिए भयंकर परिणाम को अनदेखा कर रहे हैं। संवेदनहीनता का स्तर 45°- 55°C के प्रचंड गर्मी के स्तर से भी पर हो चुका है। हमारे आसपास मनुष्य, पशु, पक्षी गर्मी से बेहाल प्यास से तड़प कर मर रहे हैं। लगातार चलते एसी, कूलर यहां तक की भारी पेट्रोल की टंकियो वाले वाहन विस्फोटक होते जा रहे हैं , सांस घुट रही हैं। इतनी क्रूर स्थिति में भी हम वो नहीं कर रहे जो हमें सबसे पहले और सबसे ज्यादा करना है। हमें हर कोने, हर जमीन के टुकड़े, छत के ऊपर, सड़क के किनारे, पार्क में असंख्य पेड़ लगाने हैं। पक्षियों को दाने देना है और पशुओं को पानी पिलाना है।
हमें विज्ञान और विकास का दुरुपयोग ना करके जल , विद्युत, ईंधन को बचाना है, रोकना है इस विनाशक प्रदूषण को। साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को प्रकृति के महत्व और उसके अस्तित्व की आवश्यकता को समझाना है। आइए पर्यावरण संरक्षण की इस मुहिम में शामिल होइये। क्योंकि इस प्रदुषित आग में झुलस जाने का अगला नंबर हमारा आपका भी हो सकता है। आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सेंट पॉल स्कुल सहित सेंट एंड्रयूज कॉलेज गोरखपुर तथा अन्य स्कूल कॉलेज के बच्चों और स्थानीय लोगों के द्वारा पर्यावरण के संरक्षण में पेड़ पौधे लगाये गये तथा राजनीति विज्ञान की प्रवक्ता डॉ. शालिनी श्रीवास्तव व डॉ. स्वेता जॉनसन के नेतृत्व में पौधरोपण कार्य सम्पन्न किया गया और समाज में पर्यावरण को नष्ट होने से बचाने तथा अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाए जाने एक अपील किया गया।
डॉ. स्वेता जॉनसन (सेंट एंड्रयूज कॉलेज)
मानसी (सेंट पॉल स्कूल)
पौधरोपण करती अनुश्री श्रीवास्तव (सेंट पॉल स्कूल)
अक्षत (सेंट पॉल स्कूल)
साक्षी (सेंट पॉल स्कूल)
पौधरोपण करती अनीशा श्रीवास्तव एलएफएस चरगाँवा
आव्या श्रीवास्तव एलएफएस चरगाँवा
पौधरोपण सहित पक्षियों के लिए दाना व पानी रखती आयूशी श्रीवास्तव (सेंट पॉल स्कूल)