जनपद के उद्यमियों से अपील, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान का उठाए लाभ

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डाक टाइम्स न्यूज ब्यूरो कुशीनगर।

समस्त उद्यमों का गति प्रदान करने हेतु तथा प्रतिवर्ष 01 लाख नई सुक्ष्म इकाईयाँ स्थापना हेतु मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान है लाभकारी

उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र अभय कुमार सुमन ने अवगत कराया है कि *मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान* (Mukhyamantri YUVA) लाभार्थीपरक योजना संचालित है। योजनान्तर्गत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का गति प्रदान करते हुये इन उद्योगों को प्रोत्साहित करने एवं इस क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार सृजित किये जाने तथा प्रदेश में पूँजी निवेश को आकर्षित करने हेतु प्रतिवर्ष 01 लाख नई सुक्ष्म इकाईयाँ स्थापित किये जाने के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में आगामी 10 वर्षों की समयावधि में कुल 10 लाख नई सूक्ष्म इकाईयों स्थापित किये जाने के महत्वपूर्ण उद्देश्य की पूर्ति हेतु यह एक महत्वाकांक्षी नई योजना मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (Mukhyamantri YUVA) का प्रतिपादन किया गया है।* इस प्रकार योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के शिक्षित व प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोडकर नये सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजित करना है। योजनांतर्गत पात्रता की शर्तों के बारे में उन्होंने बताया कि आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो।आवेदक की आयु सीमा 21 वर्ष से 40 वर्ष हो।आवेदक की शैक्षिक योग्यता न्यूनतम कक्षा 8 उत्तीर्ण हो। इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण अथवा समकक्ष को वरीयता दी जायेगी।आवेदक सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण योजनाओं जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग प्रशिक्षण योजना, उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेन्ट मिशन द्वारा संचालित कौशल उन्नयन आदि में प्रशिक्षित हो अथवा किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय / शैक्षणिक संस्थान से कौशल संबंधी सर्टीफिकेट कार्स / डिप्लोमा / डिग्री प्राप्त हो।

योजनांतर्गत वित्त पोषण के बारे में उन्होंने बताया कि उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम रू० 5.00 लाख तक की परियोजनाओं के ऋण पर अनुदान निर्धारित किया जायेगा। रू 5.00 लाख से अधिक रू 10.00 लाख तक परियोजना लागत वाली इकाईयों में ऋण/वित्त की व्यवस्था लाभार्थी को स्वयं के श्रोती से करनी होगी जिसके सापेक्ष कोई अनुदान देय नहीं होगा।लाभार्थी को परियोजना लागत अथवा अधिकतम रू 5.00 लाख, जो भी कम हो, का 10 प्रतिशत मार्जिन मनी सब्सिडी के रूप में दिया जायेगा। यह अनुदान बैंक इण्डेड होगा। परियोजना लागत अथवा अधिकतम रू० 5.00 लाख, जो भी कम हो, के सापेक्ष बैंक/वित्तीय संस्था से लिये गये ऋण के शत प्रतिशत ब्याज का उपादान वित पोषण की तिथि से अगले 4 वर्षों तक राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा। परियोजना स्थापित न करने अथवा 4 वर्षों की समयावधि में परियोजना बन्द होने की स्थिति में मार्जिन मनी सब्सिडी की धनराशि वापस ले जी जायेगी। यह सब्सिडी इकाई के 4 वर्षों तक कार्यरत होने के उपरान्त उसका खाते में समायोजित की जायेगी। आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों (पूर्वांचल क्षेत्र) के लाभार्थियों/आवेदकों को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा।