समान नागरिक संहिता कानून विषय पर सेंट पॉल स्कूल में वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित

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  • समान नागरिक संहिता कानून लागू करने से देश में वास्तविक समानता और न्याय समस्त भारत में प्रविष्ट होगा
Daktimes News Gorakhapur: विविध धर्म व संस्कृति से सजा धजा भारत देश प्राचीन काल से आधुनिक युग तक अपनी विशिष्ट छवि बनाए हुए हैं। सभी धर्म का सम्मान करते हुए हमारे संविधान निर्माताओं ने एक संविधान को आत्मसात कर पंथनिरपेक्षता को स्वीकार करते हुए धार्मिक स्वतंत्रता के तहत पर्सनल लॉ को भी स्थान दिया । इसीलिए समान नागरिक संहिता के विचार को राज्यों के अधिकार में डालते हुए राज्य के नीति निर्देशक तत्व में स्थान दिया । इसी संदर्भ में समान नागरिक संहिता लागू करने से देश में वास्तविक समानता और न्याय समस्त भारत मे प्रविष्ट होगा, विषय पर सेंट पॉल स्कूल में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन अनुश्री श्रीवास्तव तथा धन्यवाद ज्ञापन सानवी ने किया । यह राजनीति शास्त्र की प्रवक्ता डॉक्टर शालिनी श्रीवास्तव के  
समान नागरीक संहिता कानून पर वाद-विवाद करते बच्चे

निर्देशन में 11वीं 12वीं के छात्र छात्राओ के लिए आयोजित की गई। इस कार्यक्रम के अंतर्गत अंकिता, प्रबल, अक्षत, शार्वी , चारु , आदित्य आदि छात्र छात्राओं ने बहुत शानदार तरीके से अपने विचार रखें साथ ही अन्य प्रतिभागियों व श्रोताओं द्वारा पूछे गए सवालों का भी बेहतरीन जवाब दिया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान रुद्रांश रंजन तिवारी, द्वितीय हर्षवर्धन, तथा तृतीय पुरस्कार पार्थ मिश्रा व आयुषी श्रीवास्तव को संयुक्त रूप से प्राप्त हुआ । विजेताओं का चयन श्रीमती माधुरी रिचर्ड ने किया वरिष्ठ शिक्षिकाओं श्रीमती अंजू गुप्ता व श्रीमती प्रवीणा जोशुआ ने छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। प्रधानाचार्य सुदर्शन चौधरी ने समान नागरिक संहिता के विविध पहलुओं पर चर्चा करते हुए छात्रों के बेहतरीन प्रदर्शन की प्रशंसा की । कार्यक्रम में साक्षी तथा साजीदा द्वारा आकर्षक व सार गर्भित पोस्टर भी लगाया गया। इस दौरान डॉक्टर श्वेता जॉनसन व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।